अरब देशों और इजराइल के बीच अमन बहाली की कोशिश कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक और कामयाबी मिली है। सऊदी अरब ने इजराइल के सिविलियन एयक्राफ्ट्स को अपने एयरस्पेस के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। मंगलवार से तेल अवीव और दुबई के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू होंगी। ये सभी उड़ानें सऊदी अरब के हवाई क्षेत्र से गुजरेंगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस फैसले से लाखों लोगों को फायदा होगा। तेल अवीव से कई देशों की फ्लाइट्स में यात्रा करने वाले पैसेंजर्स के 3 से 8 घंटे तक बचेंगे। इससे भारतीयों को भी फायदा होगा।
चंद घंटे में फैसला
इजराइल के अखबार ‘यरूशलम पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एडवाइजर जेरार्ड कुश्नर ने सोमवार को सऊदी अरब के प्रिंस सलमान से रियाद में लंबी बातचीत की। इसके कुछ घंटे बाद ही सऊदी सरकार ने इजराइली एयरक्राफ्ट्स को अपने एयरस्पेस के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। मंगलवार से यह समझौता लागू भी हो गया। यानी चंद घंटे बाद ही यह समझौता लागू कर दिया गया।
तेल अवीव से दुबई
अब तक इजराइल से यूएई या यूएई से इजराइल जाने वाली इजराइली फ्लाइट्स दूसरे रास्तों से जातीं थीं। इसमें वक्त और पैसा दोनों ज्यादा लगते थे। अब यही फ्लाइट्स सीधी जाएंगी। तेल अवीव से दुबई के बीच भी डायरेक्ट फ्लाइट्स होंगी। इजराइल के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर मिरि रेगेव ने सऊदी अरब के फैसले का स्वागत किया। मैं उम्मीद करता हूं कि अब इस मामले में कोई दिक्कत नहीं आएगी। माना जा रहा है कि दिसंबर में हजारों इजराइली नए साल के मौके पर दुबई और अबुधाबी जाएंगे।
कुश्नर ने सितंबर में ही संकेत दिए थे कि सऊदी अरब जल्द इजराइल के सिविलियन एयरक्राफ्ट्स को अपने एयसस्पेस के इस्तेमाल की मंजूरी दे सकता है। उन्होंने कहा था- इससे पैसेंजर्स के 3 घंटे तक बचेंगे।
अब क्या होगा
मंगलवार से समझौता लागू हो गया। ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ के मुताबिक, अलग-अलग देशों से इजराइल या यूएई जाने वाले लोगों के अब 1 से लेकर 8 घंटे तक बचेंगे। इजराइल से भारत और चीन के बीच यात्रा करने वालों लोगों को काफी फायदा होगा। उनका पैसा और वक्त दोनों कम लगेंगे।
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