चीन लगातार अंतरिक्ष में अपनी ताकत बढ़ा रहा है। सेना को आधुनिक बनाने के साथ ही वह अंतरिक्ष पर दबदबा बनाना चाहता है। 2018 और 2019 में सबसे ज्यादा लॉन्चिंग करने के बाद इस साल अभी तक वह 22 स्पेस व्हीकल लॉन्च कर चुका है। चीन का टार्गेट इस साल 40 स्पेश मिशन पूरा करना है। सबसे बड़ी बात यह है कि कई थिंक टैंक के दावे में सामने आया है कि यह महात्वाकांक्षी प्रोग्राम चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कंट्रोल में हैं। हालांकि, चीन इस बात को कभी नहीं मानता है।
पिछले साल 584 अरब रुपए का बजट था
2019 में चीन के स्पेस प्रोग्राम का बजट आठ अरब डॉलर ( करीब 584 अरब रुपए) का था। केवल अमेरिका ही उससे आगे है। पिछले साल चीन को कुछ उपलब्धियां भी हासिल हुईं। चीन ने अपना चांग-ई-4 रोवर चांद के अंधेरे वाले हिस्से में उतारा था।
नैविगेशन टाइमिंग सिस्टम तैयार कर रहा
हाल ही में 23 जून को चीन ने अपना आखिरी बीडू सैटेलाइट लॉन्च किया है। चीन अपने नागिरकों और सेना के लिए एक नैविगेशन टाइमिंग सिस्टम तैयार कर रहा है। इस सिस्टम में करीब 30 बीडू सैटेलाइट हैं, जो ऑर्बिट पर घूम रहे हैं। इस सिस्टम से उसे रियल-टाइम नैविगेशन, और किसी भी भी लोकेशन के बारे में पता चलेगा।
चीन की स्पेस फोर्स भी है
अमेरिका के एक थिंक टैंक जेम्सटॉउन फाउंडेशन ने 19 अगस्त को एक वेबिनार में चीन के स्पेस प्रोग्रामों को लेकर चिंता जताई थी। इसमें बताया गया कि चीन ने अपनी स्पेस फोर्स 2015 में बनाई थी। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। सिर्फ अमेरिका ने दिसंबर 2019 को अपनी स्पेस फोर्स की आधिकारिक घोषणा की थी। चीन स्पेस में काउंटर करने की ताकत बढ़ा रहा है। वह दूसरे देशों की सैटेलाइट को प्रभावित करने के लिए सैटेलाइट जैमर और एंटी सैटेलाइट बनाने का काम कर रहा है।
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