अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन अगले साल तक इसे तैयार कर सकती है, इंसानों पर ट्रायल की तैयारी शुरू
वॉशिंगटन. अमेरिकी फार्मा कंपनीजॉनसन एंड जॉनसन (जे एंड जे) अगले साल तक कोरोना का टीका तैयार कर सकतीहै। इसे इमरजेंसी में उपयोग किया जा सकेगा। कंपनी ने सोमवार को बताया कि इसके लिए एक उपयुक्त कैंडिडेट वैक्सिन वायरस चुन लिया गया है। ऐसे में अब इंसानों पर इसके ट्रायल की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस काम पर 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 100 करोड़ रुपए)का निवेश किया जाएगा। जे एंड जे ने इसके लिए अमेरिकी सरकार के बायोमेडिकल रिसर्च डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
कैंडिडेट वैक्सिन (सीवी) एक तरह का इंफ्लूएंजा वायरस होता है। इसे लैब में तैयार किया जाता है। इसका कई चरणों में ट्रायल किया जाता है। इंसानों से पहले जानवरों पर इसका ट्रायल होता है।असरकारी होने पर वैक्सिन निर्माता टीका तैयार करने के लिए है तो इसका उपयोग करते हैं।
जनवरी में ही टीका तैयार करने का काम शुरू हो गया था
कंपनी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर पॉल स्टोफेल्स बताया कि जनवरी में ही इस पर काम शुरू कर दिया गया था। कोरोना का टीका तैयार करने के लिए इबोला वायरस टीका बनाने के लिए अपनाई गई तकनीक इस्तेमाल की जाएगी। स्टोफेल्स ने बताया कि उनकी टीम ने कुछ कोल्ड वायरस को मिलाकर यह कैंडिडेट वैक्सिन बनाया है। यह कुछ हद तक कोरोनावायरस की तरह है। उम्मीद है कि यह इंसानों में कोरोना के लिए प्रतिरोधी क्षमता पैदा कर सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले कई कैंडिडेट वैक्सिन तैयार किए गए थे। कई जानवरों पर इसका ट्रायल किया गया, जिसमें 12 हफ्ते का समय लगा। इसके बाद इनमें से सबसे उपयुक्त सीवी चुना गया।
कोरोना वायरस फैमिली के लिए अभी तक नहीं तैयार है टीका
उन्होंने कहा कि हमने इसका आकलन किया कि किस कैंडिडेट वायरस को अपस्केल किया जा सकता है। यह सुनिश्चित किया गया कि यह टीका काम भी करे और इसे ज्यादा तादाद में तैयार भी किया जा सके। कोरोनावायरस फैमिली के किसी भी वायरस के लिए अभी तक सफलतापूर्वक टीका तैयार नहीं किया जा सका है। हालांकि, हमें इसे तैयार करने का विश्वास है। क्योंकि, हम एक ऐसी टीम के साथ काम कर रहे हैं जिसने 2002-03 के बीच 800 लोगों की जान लेने वाले सार्स वायरस के लिए टीका तैयार किया था।
मॉडर्ना कंपनी ने टीके का फेज-1 क्लीनिकल ट्रायल पूरा किया था
अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना दुनिया की पहली कंपनी थी, जिसने बीते 16 मार्च को टीके का फेज-1 क्लीनिकल ट्रायल कर लिया। कंपनी के अमेरिका के नॉरवुड स्थित मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में वैज्ञानिक दिन-रात काम कर रहे हैं। हालांकि,अध्यक्ष स्टीफन होज सहित दूसरे नॉन-एसेंशियल स्टाफ घर से काम कर रहे हैं। स्टीफन के मुताबिक, टेस्टिंग का पहला चरण सफल रहता है तो कंपनी बड़े स्तर पर इसे बनाने में सक्षम है। कंपनी 45 लोगों पर टीके का अध्ययन कर रही है। इनके इम्यून सिस्टम नेे अच्छा रेस्पॉन्स किया।
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